क्या है पीएम मोदी की ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ | What is PM Modi’s ‘NaMo Drone Didi Scheme’?
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Under the Namo Drone Didi scheme | क्या है पीएम मोदी की ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’?
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बीते सोमवार को देश के कोने-कोने से गांव की लड़कियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खेतों के करीब ड्रोन उड़ाया।
लोगों के मन में सवाल है कि ये ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना क्या है? आपको बता दें कि ये ड्रोन बड़े ही प्रभावशाली तरीके से इन महिलाओं की जिंदगी और गांव की अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने वाले हैं। पहली 1100 प्रशिक्षित ड्रोन दीदी ने एक साथ पीएम मोदी के साथ अपनी सफलता को सेलिब्रेट किया था। इसके बाद लोगों के मन ये सवाल आया कि ड्रोन की मदद खेती में कैसे ली जा रही है? आइए जानते हैं आपके मन से जुड़े सवालों के जवाब हमारे इस एक्सप्लेनर के माध्यम से।
क्या है नमो ड्रोन दीदी योजना | What is Namo Drone Didi Scheme?क्या है पीएम मोदी की ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’
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इस योजना के तहत देश की महिलाओं को सरकार की ओर से ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नमो ड्रोन दीदी योजना मोदी सरकार का एक इनोवेटिव प्रयास है। इस योजना को शुरू करने का मकसद देश की महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का है।
क्या होगा इस योजना का फायदा | What will be the benefit of this scheme?
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खेती के लिए पेस्टीसाइड और फर्टिलाइजर की खपत में बड़ी कमी आएगी। वहीं, योजना की मदद से किसानो की कृषि में लागत घटेगी और आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। मोदी सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना से मुख्य रूप से तीन फायदे होंगे। इस योजना के तहत महिलाओं की आमदनी तेजी से बढ़ेगी।
कैसे बढ़ेगी महिलाओं की आमदनी | How will women’s income increase?क्या है पीएम मोदी की ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’
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यदि एक दिन में 25 एकड़ पर लगी फसल पर छिड़काव करती है तो उसे प्रति दिन 5000 रुपये की आमदनी होगी। अब एक साल में उसने 3 महीने के बराबर भी काम किया तो उसे करीब 4.5 लाख रुपये की आमदनी होगी। इस योजना के तहत महिलाओं को जो ड्रोन प्रदान किये गए हैं उनसे वो महज़ 15 मिनिट में एक एकड़ क्षेत्रफल में पेस्टीसाइड या नैनो यूरिया का छिड़काव कर पाएंगी, जिसके लिए वो प्रति एकड़ 200 रुपये चार्ज करेगी। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि करीब 4-5 गांवों के क्लस्टर में एक ‘नमो ड्रोन दीदी’ को काम मिलेगा।
क्या है योजना को बढ़ाने का प्लान | What is the plan to expand the scheme?
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करीब 2 महीनो के ट्रेनिंग प्रोसेस में सबसे पहले इन महिलाओं को हैदराबाद और करनाल में 15 दिन तक ड्रोन ऑपरेशंस (जिसमे ड्रोन उड़ाने से लेकर उसका का रख रखाव शामिल हैं) की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है। नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत अभी प्राथमिक स्तर पर 1100 महिलाओं को सरकार द्वारा ड्रोन दिए गए हैं और अगले 1 साल में 15000 और महिलाओं को ड्रोन दिए जाने का प्लान है। एक ड्रोन की कीमत है करीब 5 लाख रुपये और उस पर प्रति महिला ट्रेनिंग का खर्च है करीब करीब 1.5-2 लाख रुपये। बाद में वो अपने गांव में आकर कई दिनों तक उसकी प्रैक्टिस करती हैं। इतना पैसा सरकार इस प्रक्रिया पर क्यों लगा रही है, क्योंकि इसमें सिर्फ महिलाओं के सशक्तिकरण ही नहीं बल्कि गांवों की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
खेती में कैसे फायदा मिलेगा | How to get benefit in farming क्या है पीएम मोदी की ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’
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ड्रोन की मदद से कम पेस्टीसाइड और खाद के उपयोग से ज्यादा एरिया कवर हो पायेगा। उदाहरण के तौर पर यदि आज की प्रक्रिया के हिसाब से देखें तो किसान की फसल पर पेस्टीसाइड या खाद का छिड़काव करने के लिए 1 आदमी रखना पड़ता है जिसे प्रति एकड़ मजदूरी के तौर पर प्रति दिन 400 रुपये देने पड़ते हैं। यानी ड्रोन के उपयोग से मजदूरी की कीमत आधी हो जाएगी और टाइम भी बचेगा। इतना ही नहीं, पेस्टीसाइड और यूरिया के उपयोग की मात्रा भी घटेगी, हाथों से छिड़काव करने के मुकाबले ड्रोन से छिड़काव से मटीरियल की मात्रा आधी हो जाएगी। इसके साथ ही हाथों से कई ऊंची उगने वाली फसलों पर ठीक से छिड़काव हो भी नही पाता। ड्रोन से ये समस्या भी दूर हो जाएगी। सबसे बड़ा फायदा होगा स्वास्थ से सम्बंधित, क्योंकि मैनुअली छिड़काव करने से इन मजदूरों को स्किन के प्रॉब्लम्स भी होते थे, अब इसमें भी काफी कमी आएगी।
Conclusion:
नमो ड्रोन दीदी योजना की मदद से किसान की लागत में काफी कमी आएगी। कम कॉस्ट में ज्यादा प्रोडक्शन होगा जिससे इस नयी तकनीक का उपयोग और भी बढ़ेगा। आपको बता दें कि साल 2005 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी कृषि महोत्सव शुरू किया था और “more crop per drop” मिशन सेट करते हुए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर लगातार काम करने को कहा था। इसी प्रक्रिया का एक परिणाम आज की ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजवना को माना जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ये योजना गेम चेंजर साबित हो सकती है।