Earn money from share makert | शेयर मार्केट मे पैसा कैसे कमाए
Earn money from share makert | शेयर मार्केट मे पैसा कैसे कमाए
आंकड़ों की माने तो करीब 90 फ़ीसदी स्टार्टअप केवल इसलिए नहीं चल पाते हैं क्योंकि उनको समय से या फिर पर्याप्त फंडिंग नहीं हो पाती है आज के अंत में हम जानेंगे कि अगर कोई स्टार्टअप शुरू करता है तो कहां-कहां से फंड जुटा सकता है
शेयर बाजार एक ऐसा स्थान है जहां लोग कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं। शेयर खरीदना एक कंपनी में हिस्सा खरीदने के समान है, जिसका मतलब है कि जब कंपनी लाभ कमाती है, तो उसका कुछ हिस्सा शेयरधारक को मिलता है। शेयर बाजार से पैसे कमाना कई तरीकों से संभव है। इस लेख में, हम शेयर बाजार से पैसे कमाने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
1- एंजल इन्वेस्टमेंट
यह स्टार्टअप के लिए फंडिंग का मुख्य स्त्रोत है कई ऐसे लोग होते हैं जिनके पास पैसा होता है वह निवेश करना चाहते हैं इनकी पहचान कर अपने प्रोजेक्ट के बारे में बताना होता है अगर आप के प्रोजेक्ट से संतुष्ट होते हैं तो फंड देते हैं बदले में स्टार्टअप में अपना शेयर लेते है
शेयर बाजार वह स्थान है जहां शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। दो प्रमुख भारतीय शेयर बाजार हैं:
1. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)
2. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
शेयर बाजार का मुख्य उद्देश्य कंपनियों को पूंजी जुटाने और निवेशकों को निवेश के अवसर प्रदान करना है। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए, निवेशकों को पहले डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता खोलना पड़ता है।
2- क्राउडफंडिंग
इसके लिए आपको एक ऐसे प्लेटफार्म की जरूरत होती है जो क्राउडफंडिंग करवाता हो या फिर सोशल मीडिया की भी मदद ले सकते हैं इसमें अपनी प्लानिंग पब्लिक में शेयर करनी होती है जिनकी जिन्हें आपका आईडिया पसंद आता है वह इसको पैसा देते हैं ऐसे लोगों को जोड़ने के लिए कुछ डिस्काउंट आदि की व्यवस्था करते हैं ज्यादा fund आता है |
शेयरों की प्रकार*
शेयर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
1. *इक्विटी शेयर*: ये सबसे सामान्य प्रकार के शेयर होते हैं जो निवेशकों को कंपनी के मालिकाना हक का एक हिस्सा प्रदान करते हैं।
2. *प्रेफेरेंस शेयर*: इन शेयरों के धारकों को लाभांश पहले प्राप्त होता है, लेकिन वे वोटिंग अधिकार नहीं रखते।
3- कैसे शुरू करें?
पिछले कुछ वर्षों से बैंकों ने भी स्टार्टअप को लोन देना शुरू कर दिया है लेकिन बैंक से लोन लेने के लिए कई पेपर वर्क करने होते हैं इसके लिए अपनी वित्तीय जरूरतों का आकलन कर बैंक में लोन के लिए आवेदन करें अलग-अलग प्रोजेक्ट के हिसाब से बैंक भी लोन देते हैं
4- सरकारी योजनाएं
भारत सरकार की ओर से पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप और लघु उद्यमों को खंडित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की है भारत सरकार की जो योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया लोकप्रिय है मुद्रा योजना में भी ₹50000 से लेकर ₹100000 तक का लोन मिलता है कुछ योजनाओं को 10000000 रुपए तक का लोन मिलता है
5- वेंचर कैपिटल
वेंचर कैपिटल यानी अपना हिस्सा लेकर दूसरे के बिजनेस में पैसा लगाना है यह भी काफी पॉपुलर फंडिंग माध्यम है इसमें स्टार्टअप शुरू करने वाले व्यक्ति को अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयर करना पड़ता है वेंचर केपीटलिस्ट्स समय समय पर इस बात का आकलन भी करते हैं कि आपका स्टार्टअप सही दिशा में आगे बढ़ रहा है या नहीं
6- इनक्यूबेटर और एक्सलरेटर
फंडिंग के इस तरीके में इनक्यूबेटर्स से आइडिया जनरेशन से लेकर प्रोडक्ट तैयार करने तक में मदद मिलती है वही एक्स लेटर्स आपके बिजनेस की स्पीड को बढ़ाने में मदद करते हैं एक बिजनेसमैन को इन प्रोग्राम्स में एक बार शामिल होने के बाद स्टार्टअप को भी समय देना होता है
शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होते हैं:
1. *डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना*: यह खाते निवेशकों को शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करते हैं।
2. *बाजार का अनुसंधान*: किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाना आवश्यक है।
3. *निवेश की रणनीति बनाना*: यह सुनिश्चित करना कि आप कितनी राशि निवेश करेंगे और किस प्रकार के शेयरों में निवेश करेंगे।
Conclusion
शेयर बाजार में सफलतापूर्वक निवेश करने के लिए कुछ प्रमुख रणनीतियाँ हैं:
1. *लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट*: यह रणनीति लंबे समय तक शेयरों को होल्ड करने पर आधारित है। इसके माध्यम से निवेशक समय के साथ लाभ कमा सकते हैं क्योंकि कंपनी की वैल्यू बढ़ती है।
2. *डाइवर्सिफिकेशन*: विभिन्न सेक्टर्स और कंपनियों में निवेश करके जोखिम को कम करना। इससे अगर एक सेक्टर में नुकसान होता है, तो दूसरे में मुनाफा हो सकता है।
3. *मार्केट टाइमिंग*: यह समझने की कोशिश करना कि कब बाजार में प्रवेश करना है और कब बाहर निकलना है। यह काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है और अनुभव की आवश्यकता होती है।
4. *वैल्यू इन्वेस्टिंग*: यह रणनीति उन शेयरों में निवेश करने पर आधारित है जो वर्तमान में कम कीमत पर उपलब्ध हैं, लेकिन जिनकी असली वैल्यू अधिक है।