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स्टार्टअप के लिए बजट नहीं तो इन 5 तरीकों से जुटाए फंड | How to collect fund for startup 5-ways

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स्टार्टअप शुरू करता है तो कहां-कहां से फंड जुटा सकता है | How to collect fund for startup 5-ways

आंकड़ों की माने तो करीब 90 फ़ीसदी स्टार्टअप केवल इसलिए नहीं चल पाते हैं क्योंकि उनको समय से या फिर पर्याप्त फंडिंग नहीं हो पाती है आज के अंत में हम जानेंगे कि अगर कोई स्टार्टअप शुरू करता है तो कहां-कहां से फंड जुटा सकता है

1- एंजल इन्वेस्टमेंट

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यह स्टार्टअप के लिए फंडिंग का मुख्य स्त्रोत है कई ऐसे लोग होते हैं जिनके पास पैसा होता है वह निवेश करना चाहते हैं इनकी पहचान कर अपने प्रोजेक्ट के बारे में बताना होता है अगर आप के प्रोजेक्ट से संतुष्ट होते हैं तो फंड देते हैं बदले में स्टार्टअप में अपना शेयर लेते हैं

2- क्राउडफंडिंग

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इसके लिए आपको एक ऐसे प्लेटफार्म की जरूरत होती है जो क्राउडफंडिंग करवाता हो या फिर सोशल मीडिया की भी मदद ले सकते हैं इसमें अपनी प्लानिंग पब्लिक में शेयर करनी होती है जिनकी जिन्हें आपका आईडिया पसंद आता है वह इसको पैसा देते हैं ऐसे लोगों को जोड़ने के लिए कुछ डिस्काउंट आदि की व्यवस्था करते हैं ज्यादा fund आता है

3- बैंक से लोन

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पिछले कुछ वर्षों से बैंकों ने भी स्टार्टअप को लोन देना शुरू कर दिया है लेकिन बैंक से लोन लेने के लिए कई पेपर वर्क करने होते हैं इसके लिए अपनी वित्तीय जरूरतों का आकलन कर बैंक में लोन के लिए आवेदन करें अलग-अलग प्रोजेक्ट के हिसाब से बैंक भी लोन देते हैं

4- सरकारी योजनाएं
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भारत सरकार की ओर से पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप और लघु उद्यमों को खंडित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की है भारत सरकार की जो योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया लोकप्रिय है मुद्रा योजना में भी ₹50000 से लेकर ₹100000 तक का लोन मिलता है कुछ योजनाओं को 10000000 रुपए तक का लोन मिलता है

5- वेंचर कैपिटल

वेंचर कैपिटल यानी अपना हिस्सा लेकर दूसरे के बिजनेस में पैसा लगाना है यह भी काफी पॉपुलर फंडिंग माध्यम है इसमें स्टार्टअप शुरू करने वाले व्यक्ति को अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयर करना पड़ता है वेंचर केपीटलिस्ट्स समय समय पर इस बात का आकलन भी करते हैं कि आपका स्टार्टअप सही दिशा में आगे बढ़ रहा है या नहीं

6- इनक्यूबेटर और एक्सलरेटर

फंडिंग के इस तरीके में इनक्यूबेटर्स से आइडिया जनरेशन से लेकर प्रोडक्ट तैयार करने तक में मदद मिलती है वही एक्स लेटर्स आपके बिजनेस की स्पीड को बढ़ाने में मदद करते हैं एक बिजनेसमैन को इन प्रोग्राम्स में एक बार शामिल होने के बाद स्टार्टअप को भी समय देना होता है

Conclusion:

आंकड़ों की माने तो करीब 90 फ़ीसदी स्टार्टअप केवल इसलिए नहीं चल पाते हैं क्योंकि उनको समय से या फिर पर्याप्त फंडिंग नहीं हो पाती है आज के अंत में हम जानेंगे कि अगर कोई स्टार्टअप शुरू करता है तो कहां-कहां से फंड जुटा सकता है

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